Bharat ke 7 ajube kon kon se h – उनके नाम – फोटो – 2022

Bharat ke 7 ajube kon kon se h -उनके नाम -फोटो – 2022 :- आपने दुनिया के 8 अजूबों के बारे में सुना ही होगा परंतु क्या आप जानते हैं कि हमारे भारत देश में भी सात अजूबे मौजूद हैं। हमारा भारत देश प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के संसाधनों से परिपूर्ण रहा है और यही वजह है कि भारत देश में कुछ ऐसी चीजें भी मौजूद है जिनकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है।

 

bharat me maujood tajmahal ke bare me तो आप जानते होंगे, जो भारत के सात अजूबे में शामिल है परंतु इसके अलावा भी bharat में कई अजूबे मौजूद हैं जिनके बारे में अवश्य ही आपको जानना चाहिए और भारत के सात अजूबों से परिचित होना चाहिए। iis article ke dwara ham aapko भारत में मौजूद सात अजूबों के नाम बता रहे हैं साथ ही उनकी जानकारी भी दे रहे हैं।

 

Bharat ke 7 ajube kon kon se h- उनके नाम और फोटो 2022

 

अपनी प्राचीन सभ्यता की वजह से साथ ही इमारतों की वजह से bharat desh puri duniya bhar me प्रसिद्ध है जब दुनिया पढ़ाई लिखाई का नाम भी नहीं जानती थी तब हमारे भारत देश में नालंदा जैसी university चल रही थी, वही जब दुनिया गिनती की खोज कर रही थी तब हमारे भारत देश के प्रसिद्ध गणितज्ञ आर्यभट्ट के द्वारा 0 की खोज की गई थी।

 

इसके अलावा भी भारत देश में ऐसे कई राजा महाराजा हुए जिन्होंने ऐसी इमारतों का और मंदिरों का निर्माण करवाया जिन्हें देखने पर यह एहसास होता है कि वाकई में वह किसी अजूबे से कम नहीं है, तो आइए जानते हैं भारत के सात अजूबों के नाम।

 

1:- कोणार्क सूर्य मंदिर, उड़ीसा ( konark surya mandir )

Bharat ke 7 ajube kon kon se h- उनके नाम और फोटो - 2022

 

udisa rajya me sthit konark surya mandir का निर्माण 13वी शताब्दी में करवाया गया था। कोर्णाक सूर्य मंदिर को कई जगह पर ब्लैक पगोड़ा भी कहा जाता है। यहां की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है और इसीलिए कोर्णाक के सूर्य मंदिर की गिनती भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में होती है।

 

इस मंदिर की संरचना ऐसी है कि इसमें सात घोड़े आकाश की तरफ मंदिर को लेते जाते हुए दिखाई देते हैं, साथ ही जब आप मंदिर के दर्शन करते हैं तो आपको शुरुआत में ही हाथी और शेर की बड़ी-बड़ी मूर्तियां दिखाई देती है।

कोर्णाक सूर्य मंदिर उड़ीसा तक कैसे पहुंचे 

 

ट्रेन से 🚉 :- agar app tain se konark surya mandir pahuchna chahte hai. to yaha ke nikattam railway station bhuvneshwar or puri railway station h रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के बाद कोर्णाक सूर्य मंदिर तक पहुंचने के लिए बस या टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं|

 

रोड मार्ग द्वारा :- कोर्णाक रोड मार्ग भारत के लगभग सभी शहरों से जुड़ा हुआ है आप सड़क मार्ग द्वारा भुवनेश्वर या पूरी बस से पहुंच सकते हैं उसके बाद यहां से आपको  टैक्सी या राज्य निगम की बसें कोर्णाक सूर्य मंदिर तक पहुंचा देगी|

 

हवाई जहाज द्वारा✈✈ :- कोर्णाक तक पहुंचने के लिए सबसे निकटतम एयरपोर्ट बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट भुवनेश्वर में है| आप भुवनेश्वर तक हवाई जहाज से पहुंच सकते हैं उसके बाद भुवनेश्वर से कोर्णाक तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 65 किलोमीटर की दूरी बस या  यहां चलने वाली टैक्सी  से तय करना पड़ेगा और आप पहुंच जाएंगे कोर्णाक सूर्य मंदिर |

2 :- खजुराहो, मध्यप्रदेश (khajurao mp )

 

Bharat ke 7 ajube kon kon se h- उनके नाम और फोटो - 2022

 

खजुराहो के मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर ऐसी कई मूर्तियां हैं जो देखने में काफी कामुक लगती है और यही वजह है कि खजुराहो का मंदिर अपने आप में ही भारत में मौजूद अनूठा मंदिर है। खजुराहो मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के खजुराहो में स्थित है।

 

yaha per hindu dharm ki kai murtiya h sath hi जैन धर्म की भी कई मूर्तियां मौजूद है। खजुराहो के मंदिर का निर्माण चंदेल साम्राज्य के शासन के दरमियान 950 और 1050 इसवी के बीच में हुआ है। अपनी अद्भुत वास्तुकला की वजह से खजुराहो का मंदिर भारत के अलावा दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

खजुराहो कैसे पहुंचे

 

ट्रेन से 🚉🚉 :- ट्रेन से खजुराहो तक पहुंचने के लिए यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन खजुराहो रेलवे स्टेशन है खजुराहो ” हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस ” नामक ट्रेन यहां नियमित रूप से चलती है जो कि आपको खजुराहो रेलवे स्टेशन पहुंचा देगी वहां से आप खजुराहो के मंदिर घूमने जा सकते हैं|

 

बस के द्वारा:- khajurao shahar bharat ke anay shahar जैसे bhopal, gwalior, jhashi, सतना जैसे शहरों से रोड मार्ग द्वारा बहुत ही अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है इन शहरों से आपको एमपी पर्यटन की बसें खजुराहो तक पहुंचने के लिए मिल जाएंगी आपको कोई भी समस्या नहीं आने वाली है खजुराहो तक पहुंचना बड़ा आसान है|

3: स्वर्ण मंदिर, पंजाब ( Golden temple )

 

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स्वर्ण मंदिर को अंग्रेजी भाषा में golden temple भी कहा जाता है, जो कि bharat ke panjab राज्य के अमृतसर शहर में मौजूद है। swarn mandir sikh dharm का बहुत ही पवित्र स्थल है और स्वर्ण मंदिर की गिनती सिख धर्म के सबसे पुराने गुरुद्वारे में होती है। स्वर्ण मंदिर इतना प्रसिद्ध गुरुद्वारा है कि इसे भारत के अधिकतर राज्यों के लोग तो जानते ही हैं साथ ही यह इंटरनेशनल लेवल पर भी फेमस है।

 

स्वर्ण मंदिर की नक्काशी अपने आप में ही काफी शानदार है और इसके चारों तरफ में शुद्ध पानी वाला सरोवर मौजूद है, जो स्वर्ण मंदिर की सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। सिख धर्म के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर का निर्माण बहुत ही शानदार तरीके से किया गया। यहां पर हर साल अन्य मत मजहब के लोग भी दर्शन करने के लिए और घूमने के लिए आते हैं।

स्वर्ण मंदिर पंजाब कैसे पहुंचे

 

ट्रैन से 🚉🚉:- स्वर्ण मंदिर पहुंचने के लिए आपको यहां के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन अमृतसर आना पड़ेगा अमृतसर  रेलवे स्टेशन बहुत ही प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन है और भारत के सभी शहरों से यह रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है अमृतसर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद आपको स्वर्ण मंदिर तक पहुंचने के लिए बस सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जो कि श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त होती है यह बस आपको स्वर्ण मंदिर तक पहुंचाती है अगर आप बस का इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो आप टैक्सी बुक कर भी स्वर्ण मंदिर तक पहुंच सकते हैं |

 

बस से 🚌🚌:- स्वर्ण मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको अमृतसर तक पहुंचना पड़ेगा और अमृतसर के लिए भारत के लगभग सभी राज्यों से आपको बसें मिल जाएंगी तो आप अमृतसर बस स्टैंड पहुंचकर टैक्सी या अन्य बस के द्वारा स्वर्ण मंदिर घूमने जा सकते हैं लेकिन अगर आपके शहर से अमृतसर के लिए कोई बस नहीं है| तो आप सीधे दिल्ली चले आइए दिल्ली से कई बसें अमृतसर के लिए चलती हैं|

 

एरोप्लेन द्वारा✈✈ :- अगर आप हवाई जहाज के द्वारा स्वर्ण मंदिर तक पहुंचना चाहते हैं तो आपको अमृतसर हवाई अड्डा पर आना पड़ेगा कई शहरों से अमृतसर हवाई अड्डा के लिए उड़ानें भरी जाती हैं अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आप टैक्सी और bus के द्वारा स्वर्ण मंदिर घूमने जा सकते हैं|

 

4: नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार 

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नालंदा विश्वविद्यालय को नालंदा university भी कहा जाता है, जो कि भारत देश के बिहार राज्य में मौजूद है। कभी यहां पर अलग-अलग विषयों की पढ़ाई करने के लिए लाखों विद्यार्थी आते थे जिनमें कई विदेशी विद्यार्थी भी शामिल थे परंतु वर्तमान के समय में यह जगह खंडहर के तौर पर तब्दील हो चुकी है। नालंदा विश्वविद्यालय बिहार की राजधानी पटना शहर से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है।

 

ऐसा कहा जाता है कि यह इतिहास का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है, जहां पर कभी लाखों की संख्या में विद्यार्थी अध्ययन करते थे, साथ ही अध्ययन करवाने के लिए तकरीबन 2000 से भी अधिक शिक्षक मौजूद थे। नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी के द्वारा नष्ट करवाया गया था और इसमें आग लगा दी गई थी। यह आग इतनी ज्यादा भयानक थी कि तकरीबन 3 महीने तक यहां पर मौजूद किताबें जल रही थी।

नालंदा विश्वविद्यालय तक पहुंचने का रास्ता

 

ट्रेन के द्वारा 🚊🚊:- अगर आप ट्रेन के द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय जाना चाहते हैं तो नालंदा रेलवे स्टेशन और राजगीर रेलवे स्टेशन यहां के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है यह स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से जुड़े हुए हैं यहां तक पहुंचने के लिए नियमित सुपरफास्ट or एक्सप्रेस ट्रेन उपलब्ध होती हैं और नालंदा रेलवे स्टेशन राजगीर एवं अन्य रेलवे स्टेशन से नालंदा विश्वविद्यालय तक पहुंचने के लिए बस सुविधा उपलब्ध  है आप चाहे तो टैक्सी भी ले जा सकते हैं|

 

सड़क मार्ग द्वारा :- हम आपको बता दें कि नालंदा तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग द्वारा कई बसें नियमित रूप से यहां चलती हैं  नालंदा शहर आसपास के शहर जैसे पटना वेद गया राजगीर जैसे शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है तो आप सड़क मार्ग द्वारा भी नालंदा शहर पहुंच सकते हैं और वहां से नालंदा विश्वविद्यालय  घूमने जा सकते हैं|

 

एरोप्लेन द्वारा✈✈ :- अगर आप उड़कर नालंदा विश्वविद्यालय तक पहुंचना चाहते हैं तो जहां सबसे निकटतम हवाई अड्डा पटना में है हवाई अड्डा से नालंदा विश्वविद्यालय तक पहुंचने के लिए आपको 75 किलोमीटर चलना पड़ेगा जिसके लिए आप यहां नियमित चलने वाली बसों  प्रयोग कर सकते हैं और अगर आप चाहे तो  टैक्सी के द्वारा भी यहां तक पहुंच सकते हैं |

 

5: ताजमहल, उत्तरप्रदेश ( Tajmahal )

 

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ताजमहल सिर्फ भारत के ही सात अजूबे में नहीं शामिल है बल्कि यह दुनिया के आठ अजूबे में भी स्थान रखता है। tajmahal utterpradesh rajya ke shahar agra me sthit h और इसका निर्माण मुगल राजा शाहजहां के द्वारा अपनी पत्नी मुमताज की याद में करवाया गया था। शाहजहां के द्वारा साल 1632 में ताजमहल का निर्माण आगरा में करवाया गया था और इसे निर्मित होने में तकरीबन 15 साल जितना लंबा समय लगा था।

 

ताजमहल का निर्माण सफेद संगमरमर के पत्थरों से करवाया गया है जिसमें काम करने के लिए एशिया और ईरान से मजदूर बुलाए गए थे। ताजमहल की गिनती प्यार की निशानी के तौर पर होती है। हालांकि शाहजहां के द्वारा ताजमहल का निर्माण करने में जिन कारीगरों ने साथ दिया था उनके हाथ को कटवा दिया गया था। इसके पीछे शाहजहां की मंशा थी कि दोबारा कभी ताजमहल जैसी इमारत भविष्य में ना बन सके।

 

 ताजमहल तक पहुंचने का रास्ता

 

ट्रेन से 🚊🚊:- Ham aapko bata de ki tajmahal agra shahar me sthit h और आगरा शहर भारत के कई शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है आगरा तक पहुंचने के लिए दिल्ली, जयपुर, भोपाल, ग्वालियर और झांसी जैसे कई शहरों से tain नियमित रूप से चलती हैं  ताजमहल और आगरा का किला आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से थोड़ी ही दूरी पर है इसलिए अगर आप ताजमहल तक पहुंचना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचना पड़ेगा वहां से टैक्सी या बस के द्वारा आप ताजमहल तक पहुंच सकते हैं |आगरा में अन्य रेलवे स्टेशन भी हैं आप उनके द्वारा भी ताजमहल तक पहुंच सकते हैं|

 

बस से 🚎🚎:- ताजमहल आगरा शहर में स्थित है आगरा शहर दिल्ली ग्वालियर लखनऊ आदि शहरों से जुड़ा हुआ है इन शहरों से आपको आईएसबीटी की बसें चलती है जो कि आपको ताजमहल से केवल 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आईएसबीटी बस स्टैंड पर आपको छोड़ देंगे वहां से आप रिक्शा या टैक्सी का इस्तेमाल कर ताजमहल घूमने जा सकते हैं |

6: हम्पी मंदिर, कर्नाटक ( hampi temple )

 

Bharat ke 7 ajube kon kon se h- उनके नाम और फोटो - 2022

 

हंपी का मंदिर उत्तरी कर्नाटक राज्य के विजयनगर शहर के खंडहर के अंदर मौजूद है। यहां की वास्तुकला इतनी अद्भुत है कि आप बिना इस मंदिर की तारीफ किए हुए नहीं रह सकेंगे। हंपी के मंदिर में कई प्राचीन मूर्तियां मौजूद है, साथ ही महल और अस्तबल भी यहां पर आपको देखने को मिलते हैं।

 

इस मंदिर के साथ धार्मिक कहानी भी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि जब भगवान श्री राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता की तलाश कर रहे थे तो उसी दरमियान उनके द्वारा इस मंदिर का भी दौरा किया गया था।

हंपी तक कैसे पहुंचे

 

ट्रेन से🚊🚊 :- अगर आप ट्रेन से हंपी मंदिर घूमने जाना चाहते हैं तो यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन हॉस्पेट रेलवे स्टेशन है हॉस्पेट रेलवे स्टेशन बहुत सारे प्रमुख रेलवे स्टेशनों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद दिल्ली, कोलकाता के साथ जुड़ा हुआ है आपको सबसे पहले हॉस्पेट जंक्शन पहुंचना होगा वहां से हंपी मंदिर जाने के लिए आप बस या टैक्सी ले सकते हैं|

 

बस से 🚌🚌:- अगर आप बस के द्वारा हंपी मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो आपको हॉस्पेट शहर के लिए बस पकड़नी होगी हॉस्पेट शहर से हंपी मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अगर आप कर्नाटक राज्य से नहीं है तो अपने शहर से बेंगलुरु के लिए बस पकड़ सकते हैं उसके बाद आपको बेंगलुरु से हॉस्पेट जाना होगा और फिर हॉस्पेट से आप हंपी मंदिर तक पहुंच जाएंगे |

 

हवाई जहाज से ✈✈:- हवाई जहाज से हंपी पहुंचने के लिए आपको यहां के करीबी हवाई अड्डा बेल्लारी हवाई अड्डा तक पहुंचना होगा यह हवाई अड्डा कई प्रमुख शहरों के साथ जुड़ा हुआ है अगर आपको अपने शहर से गैलरी हवाई अड्डा के लिए कोई फ्लाइट नहीं मिलती तो आप अपने शहर से बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक फ्लाइट से आ सकते हैं उसके बाद बेंगलुरु एयरपोर्ट से आपको दूसरी फ्लाइट बेल्लारी एयरपोर्ट के लिए पकड़नी होगी उसके बाद बेल्लारी एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद बस या टैक्सी से हंपी पहुंच सकते हैं|

 

7:- गोमतेश्वर या श्रवणबेलगोला, कर्नाटक

 

Bharat ke 7 ajube kon kon se h- उनके नाम और फोटो - 2022

 

भारत के सात अजूबों में शामिल गोमतेश्वर मंदिर कर्नाटक राज्य में मौजूद है। इसका अन्य नाम श्रवणबेलगोला भी है। यहां पर मौजूद एक विशाल मूर्ति का निर्माण करीब 983 ईसा पूर्व में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर जो मूर्ति मौजूद है उसका निर्माण सफेद पत्थरों को काट कर के किया गया है और मूर्ति की टोटल लंबाई 60 फीट के आसपास में है।

 

मूर्ति तक पहुंचने के लिए टोटल 618 सीढ़ियां श्रद्धालुओं को चढनी पड़ती है। दुनियाभर में इस मंदिर की काफी प्रसिद्धि है। यहां पर हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म के भी कई मंदिर मौजूद है। इसलिए यहां पर साल भर में हिंदू धर्म और जैन धर्म को मानने वाले लोगों का आवागमन बना रहता है।

गोमतेश्वर कैसे पहुंचे

 

गोमतेश्वर आप एरोप्लेन, ट्रेन, बस तीनों माध्यम से पहुंच सकते हैं आपको यहां तक पहुंचने के लिए एरोप्लेन मिल जाएगा अगर आप ट्रेन से जाते हैं तो ट्रेन भी यहां तक पहुंचने के लिए आपको मिल जाएगी और अगर आप बस से जाना चाहते हैं तो बस सुविधा भी यहां पर आपको मिल जाएगी|

आज आपने क्या सीखा 

 

Bharat ke 7 ajube kon kon se h – उनके नाम और फोटो 2022 अब आपको पता चल गए होंगे साथ में हमने आपको भारत के सात अजूबों तक पहुंचने के रास्ते भी बताए हैं अगर आप भारत के सात अजूबे घूमना चाहते हैं तो बड़ी आसानी से  इन जगहों तक पहुंच सकते हैं उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी|

 

अगर apka bharat ke sath ajube se juda koi question h, to app comment me puch sakte h. ham apke questions ke answer jarur denge. or apne dosto ke pass is article ko jarur share kare.

 

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